“क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए ।” यहून्ना 3:16

क्रिसमस का मौसम और बक्षीस देना यह समानार्थी है । बच्चे ठहरे होते हैं उत्साह के साथ बक्षीस खोलने के लिए जो क्रिसमस पेड के निचे रखे होते है । इस समय में बहुत से व्यक्तिगत रीति से, पारिवारीक, कम्पनियाँ और कलीसियाएं जरूरतमंद के लिए भलाई करते हैं । इस मौसम में बहुत से कार्यक्रम जिनको जरूरत है उन पर ध्यान केंद्रित करते हुए करते हैं जैसे भोजन बाँटने, कपडे और बक्षीस देने के कार्यक्रम आयोजित किये जाते है ।

क्रिसमस सच में ‘महान बक्षीस’ का उत्सव है जो मानवजाती को प्राप्त हुआ है। पिता परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को दिया, यीशु इस संसार के लिए, जो पापरहित “परमेश्वर का मेम्ना”, जो सारे संसार के पाप को उठा ले जाता है। सबसे अनमोल वरदान जो परमेश्वर ने दिया वह है यीशु का जन्म । केवल यीशु के द्वारा और जो कुछ उसने हमारे लिए कलवरी क्रूस पर किया, क्या हमारे पापों की क्षमा है, उसने हमारे दुर्बलताओं को चंगा किया । उसने मृत्यु पर जय हासिल की और उसने हमें स्वर्ग में आशा और अनन्त जीवन दिया ।

इसलिए, हमे दान देना चाहिए, वह जो हमें यीशु से प्राप्त हुआ उसमें से देना है । प्रेरित पौलुस हमें यह सिखाता है कि हमारा देना हर्ष से होना चाहिए ना कि जबरदस्ती से । 2 कुरि 9:7 ‘हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करें न कुढ़ कुढ़ के, और न दबाव से, क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देनेवाले से प्रेम रखता है।’और यह गुप्त रीति से होना चाहिए ना ही कोई विज्ञापन देकर । मत्ती 6:2 ‘इसलिये जब तू दान करे, तो अपने आगे तरुही न बजवा, जैसा कपटी, सभाओं और गलियो में करते हैं, ताकि लोग उन की बढ़ाई करें, मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना फल पा चुके।’ यीशु ने मत्ती में 26:11 में कहा, कि गरीब सदैव हमारे साथ होगें, जो हमें इस बात को याद दिलाता है कि हमें चाहिए ऐसे अवसरों को सारे वर्ष भर ढूँढे ताकि जो जरूरत में हैं उनकी मदद करें, और हमारे देने को किसी विशेष मौसम के लिए सीमित न रखे । बाईबल कहती है, ”जो कंगाल पर अनुग्रह करता है वह परमेश्वर को उधार देता है, वह अपने इस काम का प्रतिफल पाएगा। (नितीवचन 19:17) (ई.एस.वी.) । हमें इस बात को कभी नहीं भूलना है कि परमेश्वर ने हमें बहुत आषीशित किया है कि हम दुसरों के लिए परमेश्वरीय आषिशों का स्त्रोत बने, और केवल तब हम में परमेश्वर का बक्षीस बढत़ा जायेगा ।

प्रिय पिता, धन्यवाद हमें यीशु में महान बक्षीस देने के लिए, हमारे उध्दारकर्ता; हम बदले में इस मौसम में तेरी उदारता का उदाहरण हमेशा बनेगें। आमीन ।

– एस्तर कोलिन्स